
यमुना के विश्राम घाट पे गड रहे खूब रुपइया।।
यमराज तैनें जीत लियो .......
मथुरा के विश्राम घाट पे नहावे बहन और भैया।
बहन-भाई के तिलक करें और भाई देय रुपइया।।
यमराज तैनें जीत लियो .......
पिता तुम्हारे तपें जगत में धर्मराज हैं भईया।
मातृ तुम्हारी गायत्री हैं चारों की वेद पड़इया।।
यमराज तैनें जीत लियो .......
गोकुल और मथुरा के बीच मैं बह रही यमुना मईया।
पंडा जाकी करें आरती लड्डुअन के खवईया।।
यमराज तैनें जीत लियो .......
गोकुल और नौरंगाबाद में बह रही यमुना मईया।
गोकुल नाथ लड़े राजा से आई गयी यमुना मईया।।
यमराज तैनें जीत लियो .......
तेरी तट खादर मैं मईया श्याम चारवें गईया।
ग्वाल-बाल सब सखा संग मैं और दाऊजी के भईया।।
यमराज तैनें जीत लियो .......
जो कोई यहाँ स्नान करें वाकी पार लगावें नईया।
यम के दूत कभी ना आवें, आवे बन्शी को बजईया।।
यमराज तैनें जीत लियो .......
श्री यमुना जी धर्मराज की जय
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